Unified Pension Scheme- UPS: महाराष्ट्र में कैबिनेट बैठक में UPS को मंजूरी, केंद्र के फैसले के 24 घंटे के अंदर एलान

Unified Pension Scheme- UPS: महाराष्ट्र में कैबिनेट बैठक में UPS को मंजूरी, केंद्र के फैसले के 24 घंटे के अंदर एलान

महाराष्ट्र में भी मंत्रीमंडल की बैठक ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को 24 घंटे के अंदर मंजूरी दी है। शिंदे सरकार के इस निर्णय से राज्य में यूपीएस की जगह न्यू पेंशन स्कीम लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।

 

शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। एकीकृत पेंशन योजना (UPS) सबसे बड़ा निर्णय था। इस योजना में सरकारी कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ हैं। यूपीएस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सरकारी कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत देगा, जो पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की तरह है। हालाँकि, इसके लिए कई नियम और मानक बनाए गए हैं।

 

यूपीएस के पांच स्तंभ, योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी

  1. 50 फीसदी की सुनिश्चित पेंशन

यूपीएस अपनाने पर सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी।

25 वर्ष तक की सेवा पर ही यह रकम मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 साल से ज्यादा की सेवा पर उसके अनुपात में पेंशन मिलेगी।

  1. पारिवारिक पेंशन 

किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।

 

  1. न्यूनतम पेंशन

कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित होगी। महंगाई भत्तों को जोड़कर आज के हिसाब से यह रकम 15 हजार रुपये के आसपास होगी।

  1. महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन

उपरोक्त तीनों तरह की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामलों में महंगाई राहत यानी DR के आधार पर इनफ्लेशन इंडेक्सेशन मिलेगा।

  1. सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान

छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा। 

सभी राज्यों ने लागू किया तो 90 लाख सरकारी कर्मियों को होगा फायदा

23 लाख कर्मचारियों को फायदा, एनपीएस और यूपीएस का विकल्प

केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। कोई एनपीएस में रहना चाहे तो उसमें रह सकता है। अगर यूपीएस अपनाना चाहे तो इसका विकल्प चुन सकता है। राज्य सरकारें भी इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।

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